Maa
December 8, 2021
जो कुछ छिपा है सीने में,
तू कैसे वो सब जानती है
मेरी हसी के पीछे का ग़म
कैसे तू पहचानती है?
शब्द कम पड़ जाते है
तेरे एहसान गिनाने में
आज एक दिन वो कर पाएगा
चंद अफसाने गाने से?
फिर भी आज बैठकर
कुछ कोशिश मै कर रहा हूं,
कुछ कर दिखाऊं उससे पहले
तुझे खोने से मै डर रहा हूं।
-
H.